🔥 Class 10🔥
के लिए हम लेकर आए है
रासायनिक अभिक्रिया से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।
1. परिचय
रसायन विज्ञान का मुख्य उद्देश्य पदार्थों के बीच होने वाले परिवर्तनों को समझना है। जब हम किसी धातु को हवा में छोड़ते हैं और वह जंग खा जाती है, दूध को उबालते हैं तो ऊपर मलाई जम जाती है, या नीबू के रस में बेकिंग सोड़ा डालते ही झाग निकलने लगता है—ये सभी घटनाएँ हमें बताती हैं कि पदार्थ अपने‑आप में स्थिर नहीं रहते, बल्कि निरन्तर एक‑दूसरे से अभिक्रिया करते रहते हैं। ऐसे परिवर्तन रासायनिक अभिक्रिया कहलाते हैं और उन्हें संक्षेप में दर्शाने का वैज्ञानिक तरीका रासायनिक समीकरण है। यह अध्याय बोर्ड परीक्षा में लगभग 5–6 अंकों का आता है, इसलिए इसकी गहरी समझ आपका स्कोर बढ़ा सकती है।
उससे पहले आपको आवर्त सारणी से तत्वों को याद कर लेना चाहिए। ताकि आप 12th के लिए भी तैयार होते चले।और यहा भी इसका फायदा मिलेगा।
2. रासायनिक अभिक्रिया क्या होती है?
अब सुनो "जब दो या उस से अधिक पदार्थ (अभिकारक) आपस में मिलकर एक या अधिक नए पदार्थ (उत्पाद) बनाते हैं, तो उस प्रक्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहा जाता है।" इस परिवर्तन के दौरान परमाणुओं की व्यवस्था बदलती है लेकिन परमाणुओं की कुल संख्या बनी रहती है—यही द्रव्यमान संरक्षण का सिद्धान्त है।
अब छोटी सी बात है। रोज के काम में आने वाला ही उदहारण ले लो।
उदाहरण 1 — दूध का दही बनना
दही में लैक्टिक एसिड बनता है जो दूध के प्रोटीन को जमाकर नए गुण‑धर्म वाला ठोस पदार्थ तैयार करता है।
और चुना और पानी
उदाहरण 2 — कैल्शियम ऑक्साइड (चूना) + पानी
CaO(s) + H₂O(l) ⟶ Ca(OH)₂(aq)
यह अभिक्रिया तेज़ ऊष्मा उत्पन्न करती है, जिसे हम हाथ लगाकर महसूस कर सकते हैं।
3. रासायनिक समीकरण: भाषा से प्रतीक तक
किसी भी अभिक्रिया को शब्दों में लिखना लम्बा हो सकता है; इसलिए रासायनिक सूत्रों का प्रयोग करके हम इसे समीकरण का रूप देते हैं।
शब्द‑समीकरण
मैग्नीशियम + ऑक्सीजन ⟶ मैग्नीशियम ऑक्साइड
रासायनिक समीकरण
Mg + O₂ ⟶ MgO
यह छोटा रूप गणनाओं और विश्लेषण में आसानी पैदा करता है।
4. समीकरण का संतुलन (Balancing)
किसी असंतुलित समीकरण में उत्पादों और अभिकारकों के दोनों सिरों पर परमाणुओं की संख्या अलग‑अलग होती है। संतुलन का नियम कहता है—“किसी रासायनिक अभिक्रिया में न तो परमाणु बनते हैं, न नष्ट होते हैं।”
अब संतुलन के लिए ये सोचो की जब दो लोग लड़ते है तो दोनो लड़ने वाले बराबर ताकत के होने चाहिए। अगर एक कमजोर होगा तो कमजोर को मार देगा ताकतवर और कमजोर का नामोनिशान खतम इसलिए बराबरी होनी चाहिए।
ऐसे ही रसायनिक समीकरण संतुलित होना जरूरी है।
संतुलन की विधि
संयुक्त तत्व ढूँढें – जिन्हें संतुलित करना कठिन हो, उन्हें अंत में रखें (जैसे O₂, N₂)।
एक तत्व चुनें – उसके परमाणुओं की संख्या दोनों ओर बराबर करें।
फलन को दोहराएँ – हर बार नयी गिणती करें; आवश्यकता अनुसार गुणांक बदलें।
जाँच – सब तत्वों के परमाणु बराबर हैं या नहीं।
उदाहरण
असंतुलित — Fe + H₂O ⟶ Fe₃O₄ + H₂
संतुलित — 3Fe + 4H₂O ⟶ Fe₃O₄ + 4H₂
5. रासायनिक अभिक्रियाओं के मुख्य प्रकार
क्रम प्रकार सामान्य रूप उदाहरण
1 संयोजन (Combination) A + B ⟶ AB 2H₂ + O₂ ⟶ 2H₂O
2 अपघटन (Decomposition) AB ⟶ A + B 2KClO₃ Δ⟶ 2KCl + 3O₂
3 विस्थापन (Single Displacement) A + BC ⟶ AC + B Zn + CuSO₄ ⟶ ZnSO₄ + Cu
4 दोहरा विस्थापन (Double Displacement) AB + CD ⟶ AD + CB AgNO₃ + NaCl ⟶ AgCl↓ + NaNO₃
5 ऑक्सीकरण‑अपचयन (Redox) e⁻ स्थानान्तरण CuO + H₂ ⟶ Cu + H₂O
5.1 संयोजन अभिक्रिया
दो या दो से अधिक सरल पदार्थ मिलकर एक जटिल यौगिक बनाते हैं। इनका ऊष्मा‑उत्सर्जन अधिकतर सकारात्मक (Exothermic) होता है।
5.2 अपघटन अभिक्रिया
ऊष्मीय अपघटन में ऊष्मा, विद्युत अपघटन में विद्युत धारा और प्रकाश अपघटन में प्रकाश आवश्यक होता है। जैसे—चौने का पानी सूर्य‑प्रकाश में हरा पड़ना।
5.3 विस्थापन अभिक्रिया
अभिकारक धातुओं की क्रियाशीलता श्रेणी समझिए: Mg > Zn > Fe > Cu … जितनी क्रियाशीलता अधिक, उतना विस्थापन सरल। इसलिए Zn, Cu²⁺ को घोल से बाहर कर सकता है, पर Cu, Zn²⁺ को नहीं।
5.4 दोहरा विस्थापन
यहाँ धातु‑अयन आपस में अदल‑बदल कर नई संयोजकता देते हैं। यदि अपघटनशील तलछट (precipitate) या गैस बने तो अभिक्रिया स्वतः पूर्ण हो जाती है।
5.5 ऑक्सीकरण‑अपचयन (Red‑Ox)
ऑक्सीकरण = इलेक्ट्रॉन खोना, अपचयन = इलेक्ट्रॉन पाना। दोनों साथ‑साथ घटित होते हैं; इस युग्म से बैटरियाँ चलती हैं।
6. अभिक्रिया के दृश्य संकेत
गैस का बनना — झाग या बुलबुले उठते हैं।
ताप परिवर्तन — नल के पानी में चूना डालते ही गर्माहट महसूस होती है (Exo)।
रंग बदलना — कच्चे सेब का कटने पर भूरा पड़ना (ऑक्सीकरण)।
तलछट बनना — BaCl₂ + Na₂SO₄ ⟶ BaSO₄↓ सफेद धूल दिखाई देती है।
7. ऊर्जा का प्रवाह: ऊष्माक्षेपी बनाम ऊष्माशोषी
ऊष्माक्षेपी (Exothermic) अभिक्रियाएँ वातावरण में ऊष्मा छोड़ती हैं; हाथ लगाने पर गरम लगेंगी। दहन इस श्रेणी में आता है।
ऊष्माशोषी (Endothermic) अभिक्रियाएँ ऊष्मा लेती हैं; जैसे बर्फ में अमोनियम क्लोराइड मिलाने से घोल ठण्डा हो जाता है—इसे ठण्डा पैक बनाने में अपनाया जाता है।
8. आम गलतियाँ एवं सुधार उपाय
गलती सुधार टिप
समीकरण लिखते समय धातु‑इयनी आवेश भूल जाना प्रतीक के दाहिने ऊपर आवेश चिन्ह अवश्य लिखें: Fe²⁺, SO₄²⁻
गुणांक को सूत्र के अंदर बदल देना H₂O को H₂O₂ न बना दें; बदलना है तो 2H₂O लिखें
द्रव्यमान से परमाणु गिनती पर सीधे पहुँचना पहले दिये गये द्रव्यमान को मोल में बदलें फिर गणना करें
Reactant/Product का राज्य (s, l, g, aq) छोड़ना बोर्ड में राज्य लिखने से अंक मिलते हैं और त्रुटि घटती है
9. परीक्षा की तैयारी के लिये स्मार्ट टिप्स
साप्ताहिक चार्ट बनायें—हर दिन एक प्रकार की अभिक्रिया पुनः लिखें।
Past Paper Analysis—पिछले पाँच वर्ष के प्रश्न सॉल्व करें; समीक्षा करें कि कौन‑कौन से समीकरण बार‑बार आते हैं।
10. निष्कर्ष (सारांश)
रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण अध्याय न केवल विज्ञान की भाषाएँ सिखाता है बल्कि दैनिक जीवन को भी वैज्ञानिक दृष्टि से देखने की क्षमता देता है। समीकरणों को प्रतीकात्मक रूप में लिखने और संतुलित करने का अभ्यास आपको अध्याय से मित्रता कराता है। विभिन्न अभिक्रिया‑प्रकारों को उदाहरण‑सहित याद करें, संकेत पहचानें, और ऊष्मा प्रवाह के सिद्धान्त को समझें—आपके बोर्ड परीक्षा के अंक पक्के हैं! नियमित अभ्यास, सही सूत्रों का प्रयोग व समय‑बद्ध रिवीजन से यह विषय कठिन नहीं बल्कि रोचक बन जाएगा।
शुभकामनाएँ!
अगली पोस्ट में हम “धातु व अधातु” अध्याय के मुख्य सूत्र व टिप्स साझा करेंगे। तब तक, अभ्यास करते रहें और रसायन विज्ञान की दुनिया का आनंद लें।
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